Motivational story
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मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी | motivational story in hindi | Moral story in hindi | story in hindi with moral | motivational story hindi

हेलो दोस्तों आज मैं आपको बताने जा रहा हूं I Motivational story hindi आप इस स्टोरी पर कुछ नया सीखने को पाएंगे जैसे कि आप जानते हैं । पहले हमारे जवान पर नानी- नाना या दादी- दादा के मुख से सुनने की बात ही अलग हुआ करती थी। क्या कभी आपने सुना है और सुना है ।

तो कौन सी ऐसी कहानी सुना है, हमें कमेंट में जरूर बताएं और पर आज Digital होने के कारण जैसे लैपटॉप मोबाइल कंप्यूटर के माध्यम से हम स्टोरी पढ़ सकते हैं अथवा सुन सकते हैं या फिर देख भी सकते हैं। वही स्टोरी आज हम लेकर आए हैं। मै आपको कहानी सुनाने से पहले बहुत ही अच्छी बुक जो की प्रेमचंद्र जी ने लिखी है

41 Anmol Kahaniya – Premchand

Best motivational story in hindi for students

एक गांव में एक नन्ही लड़की रहती थी जो कि बहुत ही सीधी साधी थी। उसके पास कुछ भी नहीं था, लेकिन उसके पास एक दिल का साफ होना था। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी और सभी उसे बहुत पसंद करते थे।

एक दिन उसने एक दुकान में एक सोने का आभूषण देखा और उसे खरीदने के लिए अपनी माँ से पैसे मांगने लगी। उसकी माँ ने उसे बताया कि वह इतने पैसे नहीं हैं और उसे खरीदने के लिए उसे अपने नाइनों में से कुछ बचत करनी चाहिए।

लड़की ने अपनी माँ की सलाह मानी और अपनी नाइनों में से कुछ पैसे बचाएं। लेकिन जब उसने दुकान पर जाकर आभूषण खरीदने के लिए पैसे दिए, तो वह दुकानदार ने उसे कुछ भ्रमित किया और उसे कम पैसे में ही आभूषण बेच दिया।

बच्ची बहुत दुखी हो गई थी, लेकिन उसने दुकानदार को भयंकर गाली देने के बजाय उसे एक संदेश देना चुना। वह दुकानदार से बोली, “आपने मुझे झूठ बोला है और वह आपके लिए अच्छा नहीं था |

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Motivational story in hindi: बात एक समय की है एक बच्चे ने अपने पिताजी से पूछा कि मेरी लाइफ में क्या ऐसी वैल्यू वस्तु है तभी पिता जी बोले यदि तुम समझना चाहते हैं तो तुम्हें एक पत्थर देता हूं एक पत्थर को लेकर आप बाजार चले जाओ और इसकी कीमत पूछे तो सिर्फ आप दो ऊगली खड़ी कर देना .. और वह लड़का बाजार गया और वहां पर कुछ देर ऐसे ही बैठा लेकिन कुछ देर बाद ही एक बूढ़ी मां उसके पास आई और पत्थर का रेट पूछने लगे बूढ़ी मां की बात लड़का चुपचाप सुन ही रहा था।

और लड़का कुछ भी नहीं बोला सिर्फ अपनी दो उंगली खड़ी कर दिया तभी वह बूढ़ी मां बोली 200 रुपए ठीक है बेटा पत्थर में ले लेती हूं औंर वह बच्चा अचानक चौक उठा और सोचा एक पत्थर की कीमत 200 रुपए और उस बूढ़ी मां को पत्थर देके।

वह अपने पिता के पास गया और बोला पिताजी आज मैं 200 रुपए बाजार से कमाकर लाया हूं पिताजी ने पूछा बेटा तुमने ऐसा क्या किया जो 200 रुपए मिले उसने बोला पिताजी मैं बाजार गया और वहां पत्थर लेकर बैठे था तो बूढ़ मां बोली बेटा यह पत्थर मुझे देना इसका क्या रेट है तो मैंने दो उंगली खड़ी कर दी और वह बूढ़ी मां सोची थी यह 200 रुपए का है शो मुझे देकर पत्थर ले गई और पिताजी आपके पास ही आया हूं

पिताजी ने बोला बेटा कल तुम यही पत्थर लेकर म्यूजियम में जाना और तुमसे कोई इसका रेट पूछे तो तुम कुछ नहीं बोलना और अपनी दो उंगली खारी कर देना वह लड़का अपने पिताजी की बात सुनकर वहां से चला और चलते चलते म्यूजियम मैं पहुंच गया वहां पर अपना पत्थर रख दिया रखने के बाद दो व्यक्ति वहां से गुजरे और बोले बेटा इसका रेट क्या है।

उसने अपने पिताजी से कहने के अनुसार दो अंगुली उठा दी वहां व्यक्ति बोला बेटा यह ₹ 20 हजार का है। क्या वह बच्चा एकदम चुप ही रह गया उसने सोचा बिना बोले इतना मिल रहा है ।अब वह बच्चा उस व्यक्ति को पत्थर देकर20 हजार रुपए लेकर अपने पिता के पास दौड़ते दौड़ते गया और बोला पिताजी आप के कहे अनुसार दो उंगली खड़ी की तो वह व्यक्ति मुझे 20 हजार रुपए देकर और पत्थर ले लिया पिताजी ने बोला बेटा कोई भी काम छोटा अथवा बड़ा नहीं होता उस काम को मनसे करना चाहिए तो सफलता मिलती है

पिताजी ने फिर से अपने बेटे से बोला बेटा आखरी बार इस पत्थर को बाजार लेकर जा बेटा ने बोला पिताजी ठीक है मैं जा रहा हूं वाह बेटा पत्थर लेकर अपने घर से चल दिया और चलते चलते एक दुकान के पास पहुंचा पहुंचते ही दुकानदार ने बोला बेटा यह पत्थर कितने का है इसकी तलाश मुझे थी शो आज मिल गया दुकानदार ने बच्चे से पूछा क्या रेट है इसका उस लड़के ने अपने पिताजी से कहे अनुसार अपनी दो उंगली उठा दीया तो दुकानदार बोला ₹2 लाख का है।

वाह बच्चा मन ही मन खुश हो रहा था और सोचा यह पत्थर की कीमत दो लाख रुपए है वह बच्चा सोचते हैं उस दुकानदार को वह पत्थर देकर दो लाख रुपए ले लिया और अपने पिता जीके पास गया और बोला पिताजी जैसे आपने बोला वैसे ही मैंने किया पर यहां पर उस दुकानदार ने उस पत्थर की कीमत दो लाख रुपए देकर वह पत्थर ले लिया पिताजी ने बोला बेटा अब तुम तो जान ही गए होगे की इंसान की कीमत क्या होती है यदि इंसान खुद को अच्छे विचारों और अच्छी सोच के कारण एक व्यक्ति अपने आप को successful बना सकता है। यह कहानी से आपको क्या सीख मिलती है कमेंट करके हैं। बताइए धन्यवाद

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Motivational story hindi: एक समय की बात है एक राज में चंद्रभान नाम का राजा राज्य करता था । वाह राजा बहुत ही खुले विचारों एवं न्याय प्रिय था ।अपने राज में राज्य करते हुए एक दिन वह गुप्त चारों ने सूचना दी पड़ोसी राज्य हम पर हमला करने वाले हैं गुप्त चारों की यह खबर सुनकर वह राजा अपने सलाहकार एवं मंत्रियों को पुरी बात बताई और यह भी बोला 3 दिनों बाद विरोधी राजा हमले की तैयारी कर रहे हैं । रा

जा मैं बोला यदि किसी व्यक्ति के पास कोई सुझाव हो तो बताए राजा के चतुर मंत्री ने कहा अब जान पर बात आ गई तो ऐसा एकमात्र उपाय है। कि हम आज से अभी इसी वक्त से पड़ोसी राज्य पर हमला कर देना चाहिए तो राजा ने बोला मंत्री हमारी सेना बहुत छोटी एवं बहुत कम है उसका मुकाबला कैसे कर सकती हैं। मंत्री बोला आभी युद्ध के लिए तैयारी बना रहा है यही उचित समय है।

कि हम उस पर हमला कर सकते हैं मंत्री की यह बातें सुनकर राजा ने तैयार होने का आदेश दे दीया और सभी ग्रामीण एवं नागरिक भी सेना के साथ चले पड़ोसी राजा जो को तनिक भी संदेह नहीं हुआ अब चंद्रभान राजा अपनी मंत्री और सैनिक को साथ में ले चल दिए चलते चलते एक नदी पार कर ही रहे थे तो राजा ने बोला मंत्री के पास सेना बहुत ही कम है ।

यह सेना परोसी राजा की सेना को देखकर भयभीत हो सकती हैं ।अभी तो एक ही तरीका है । जब सारी सेना आ जाए तो पुल पर आग लगा देना सैनिक के पास अब एक ही ऑप्शन था लड़कर जितना है या मरना है चंद्रभान राजा किया सूझबूझ से उन्होंने युद्ध किया और युद्ध में विजय हासिल की और सेना कम होने के कारण भी अच्छी सूझबूझ समझ के कारण उन्होंने युद्ध में जीत हासिल की या कहानी हमें यह बताती हैं।

अपनी सूझबूझ से कुछ भी किया जा सकता है भविष्य में कभी ऐसे दौर भी आते हैं कि लोग अपना सूज भुज न दिखाकर भयभीत हो जाते हैं लेकिन इस कहानी से हमें पूर्णता ज्ञात हुआ कि हमें सूज भुज और समझ के विचारों से काम करना चाहिए यह कहानी कैसी लगी आप हमें कमेंट कर लिखकर बताइए आप और आपका परिवार सदा खुशहाल रहें यही हमारी ईश्वर से प्रार्थना है धन्यवाद

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Motivational stories in hindi

Best motivational story: गर्मियों की छुट्टी में एक लड़का घूमने अपने दादा दादी के घर आया बालक उछलते कूदते अपने दादाजी के पास पहुंचा और बड़े जोर से रोने लगा दादाजी जब मैं बड़ा हो जाऊंगा एक अच्छा successful इंसान बनूंगा दादाजी क्या आप सफल बनने के तरीके बता सकते हैं ।

की मैं कैसे सफल बन सकता हूं दादाजी कुछ बोले बिना सिर हिलाकर हां बोला और बच्चे का हाथ पकड़ कर एक पौधा वाली दुकान में ले गए और वहां से 2 पौधे लेकर आए और बच्चे से बोला एक पौधा खुले आसमान के नीचे लगा देना और दूसरा पौधा घर के अंदर लगा देना अपने दादाजी के अनुसार बच्चे ने वैसे ही किया

अब कुछ देर के बाद बच्चे ने अपने दादाजी से बोला दादाजी जो घर के अंदर गमले पर पौधा लगा है। उसका भविष्य ज्यादा अच्छा होगा और जो पौधा घर के बाहर खुले आसमान के नीचे लगा हुआ है उस पौधे का भविष्य ज्यादा नहीं हो पाएगा तो दादा जी ने बोला ऐसा क्यों तो बच्चे ने बोला दादाजी क्यों गमले पर पौधा लगा हुआ है वहां सुरक्षित है और जो खुले आसमान पर पड़ा है वह असुरक्षित है क्योंकि बाहर खुली हवा एवं आंधी तूफान पानी पत्थर और जानवरों के कारण असुरक्षित है

दादा जी बोले चलो देखते हैं आगे क्या होता है और वहां अखबार उठाकर पढ़ने लगे अब दादाजी उन पौधों के देख रेखा करते रहे और कुछ समय व्यतीत हो गए अभी 3 से 4 साल बाद वह बच्चा अपने माता-पिता के साथ घूमने के लिए दादा जी जी के घर आया और बोला दादाजी उस टाइम मैंने आपसे सफल होने के कुछ तारे क्यों पूछे थे और आपने कुछ भी नहीं बोला।

इस बार आपको बताना ही होगा दादाज मुस्कुराते हुए लड़के को उस जगह ले गए जहां पर उन्होंने गमले में पौधा लगाया था और वह पौधा एक पेड़ में बदल चुका था लड़का बोला देखा दादा जी मैंने सही कहा था ना गमला वाला पौधा ज्यादा सफल होगा अब दादा जी ने अपने बच्चे से होना जो खुले आसमान के नीचे पौधा लगाया था ।

उसे भी देख लो जब वह लड़का अपने दादाजी के सास साथ गया और खुले आसमान के नीचे क्यों पौधा लगा हुआ था वह विशाल वृक्ष बन चुका था उसकी शाखाएं और लाटदूर-दूर फैली हुई थी और कुछ राहगीर उस पौधे के नीचे आराम से विश्राम कर रहे थे आप दादा जी ने उस बच्चे से पूछा बताओ कौन सा पौधा ज्यादा सफल हुआ लड़का कुछ शरमाते हुए बोला दादाजी यह कैसे हुआ ।

बाहर कितने खतरों का सामना किया होगा दादा जी ने बोला बेटा जब तक खतरों का सामना व्यक्ति नहीं करता तो वहां सफल नहीं हो सकता बाहर वाले पौधे के पास आजादी थी और पौधा अपनी साखाए कितने भी फैला ले आसमान में अपनी शाखाएं को बढ़ा सकता है और बेटा जिस पौधे को तुम कह रहे थे पानी बरसात धूप लुक के कारण या पौधा मजबूत हो जाएगा और जो मैं तुम्हे बताने वाला हूँ उसे अगर तुमने अपने अंदर बैठा लिया तो तुम जिंदगी में जो कुछ भी करोगे उसमे सफल हो जाओगे उन्होंने बोला की अगर तुमने जीवन भर सिर्फ अच्छी विकल्पों को ही चुनते रहोगे तो तुम कभी भी उतने सफल नहीं हो पाओगे जितनी तुम्हारी छमता है लेकिन अगर तुम तमाम खतरों के बावजूद इस दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हो तो तुम्हारे लिए कोई भी 

 हासिल करना असंभव नहीं है।लड़के ने लम्बी सांस ली और उस पेड़ की तरफ देखने लगा वह दादा जी की बातो को समझ चूका था आज उसे सफलता के लिए जीवन में परिश्रम करना एक बहुत मूल कारण है यदि हम परिश्रम नहीं करेंगे तो हमें बड़ी सफलता हासिल नहीं होगी सबक मिल चूका था की जीवन में हम जिन रुकावटों को हम जितना बड़ा शत्रु समझते है वही हमें मजबूत और जीवन में बहुत ज्यादा सफल बनाती है।

बेस्ट मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी

एक गरीब लड़के का सपना था कि वह एक दिन अपने माँ बाप की जिंदगी में आगे बढ़ेगा और उन्हें सबसे अधिक सुख देगा। वह सोचता था कि अगर वह एक अच्छी पढ़ाई कर लेता है तो उसके सपने सच हो सकते हैं।

लेकिन उसके पास पैसों की कमी थी और उसे अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक पैसे चाहिए थे। उसे यह समझ में नहीं आता था कि उसे अपने सपनों को कैसे पूरा करना होगा।

फिर एक दिन, उसे अपने गाँव में एक स्कूल के शिक्षक मिले, जो उसकी खुशकिस्मती थी कि वह उस गरीब लड़के के सपनों को समझती थीं। उन्होंने उसे उपाय बताया कि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है और स्कूल में उपलब्ध अनुदान के जरिए उसे अपनी शिक्षा पूरी करने में मदद मिलेगी।

उस लड़के ने उनके सुझावों का पालन किया और स्कूल में जारी रखकर वह अपनी पढ़ाई को सफलतापूर्वक पूरा करता गया।

सोच बदलने वाली कहानी

जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी: एक बार एक अंधा बच्चा था जो किसी के सहारे बिना किसी मदद के नहीं चल सकता था। उसे लोग आशा देने के लिए कहते थे कि उसकी सफलता की अपेक्षा न करें। लेकिन उस बच्चे की मां उसे कभी हार मानने नहीं देती थी।

एक दिन, बच्चा अपनी माँ के साथ सैर के लिए निकला। उसने आसमान में उड़ते हुए बादलों को देखा और यह सोचा कि क्या वह उन बादलों तक पहुँच सकता है। उसने अपनी माँ से पूछा कि क्या वह बादलों तक पहुँच सकता है। उसकी मां ने कहा कि अगर तुम चाहो तो कुछ भी कर सकते हो।

उस दिन से उस बच्चे ने अपने सपनों को साकार करने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करना शुरू कर दिया। उसने एक बार में एक कदम नहीं बल्कि एक कदम कदम से चलना शुरू कर दिया। उसने दृढ़ता से काम किया और कुछ समय बाद उसकी मां को अपने सपनों को साकार करने के लिए उसकी शक्ति पर गर्व महसूस हुआ।

बच्चे ने अपनी मां को देखा और कहा, “माँ, मैंने आपकी उम्मीदों पर खरा उतरा है।

Short stories in hindi

कभी कभी हमें मनमानी करने की आदत लग जाती है आज मई उसी के ऊपर एक short stories in hindi में लाया हु आशा करता आपको पसंद आएगी |

एक बार एक लड़का अपनी माँ के साथ घूमने गया। उन्होंने एक दुकान में जाकर नए जूते खरीदे। लड़के के जूते ढीले थे और वह उन्हें बदलना चाहता था।उसने जूते बदलने के लिए दुकानदार से पूछा, “क्या आप इन जूतों को बदल सकते हैं?”दुकानदार ने लड़के के जूते देखे और कहा, “जूते अभी तक बहुत नए हैं। उन्हें बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है।”

लेकिन लड़के ने फिर से कहा, “मैं उन्हें बदलना चाहता हूँ।”दुकानदार ने फिर से उसे देखा और फिर कहा, “ठीक है, मैं आपको दूसरे जूतों के साथ आपके जूतों को बदल दूंगा।”लड़के ने नए जूतों को पहना और वह बहुत खुश था। वह जानता था कि उसे नए जूते नहीं चाहिए थे, लेकिन फिर भी उसने उन्हें बदलना चाहा। यह उसे दिखाने के लिए हो रहा था कि कभी-कभी हमें अपनी मनमानी करने की आदत हो जाती है और हमें कुछ भी चाहिए होता है।

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मोरल स्टोरी इन हिंदी

यह कहानी आपको ये सिखाती है की आपको हमेशा सहनशील रहना चाहिए सीखो इस कहानी से –

एक बार एक अमीर व्यक्ति की गाड़ी रस्ते में फँस गई। उन्होंने अपने चालक से कहा कि गाड़ी को ठीक करने के लिए कुछ व्यक्तियों को भेजो। चालक ने जल्दी से कुछ लोगों को बुलाया, लेकिन उनमें से कोई भी गाड़ी को ठीक नहीं कर सका।

अगली बार उन्होंने एक गरीब व्यक्ति को भेजा। यह व्यक्ति अपने साथ एक बोतल साबुन लाया था। वह साबुन को लगाते हुए गाड़ी को जल्दी से ठीक कर दिया था। अमीर व्यक्ति ने इसे देखा और पूछा कि तुम कौन हो? तुमने यह कैसे किया?

गरीब व्यक्ति ने कहा, “मैं एक बचपन से साबुन बनाने का काम करता हूँ। मैं जानता हूँ कि साबुन न सिर्फ हाथों को साफ करता है, बल्कि उससे कई अन्य चीजें भी किये जा सकते हैं। यह सिर्फ एक छोटी सी मशीन है, लेकिन इससे मैंने अपने जीवन में अपने स्वयं को साबित किया है कि कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता।”

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें हमेशा संज्ञानशील रहना चाहिए,

By Sumo J

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