raja ki kahani: मित्रों आज हम प्राचीन राजाओं की कहानी में से एक कहानी सुनेंगे जोकि वक्रमादित्य राजा की कहानी है, यह कहानी बहुत प्रेरित करती है उन सभी अमीर आदमियों के लिए जोकि गरीबों पर अत्याचार करते हैं और गरीबों को गुलाम समझते हैं और वि किसी को अवसर देना नहीं चाहते आइए कहानी सुनते हैं
Raja ki kahani
प्राचीन काल में एक राजा था जिसका नाम विक्रमादित्य था वह बहुत ही समर्थ साली और बुद्धिमान न्याय प्रिय राजा था उसकी राजधानी का नाम विजयपुर था और उसका साम्राज्य विस्तृत तथा आपको बता दें राजा विक्रमादित्य की पुस्तकालय थी उन्हें पुस्तकों का पढ़ने का बहुत ही रुचि थी वह ज्ञान सीखने के प्रति हमेशा आगे रहते थे राजा ने राज महल के बाग में घूमते हुए एक गरीब लड़के को देखा और उनकी नजर जब पड़ी हुए खाने के लिए मांग रहा था राजा ने उसे अपने पास बुलाया और पूछा बेटा तुम्हारे पास पढ़ाई करने का कोई साधन है या नहीं तो लड़के ने पूर्व सरल तरीके से बोला नहीं महाराज मेरे पास कुछ नहीं है मैं भी के जरिए ही अपना जीवन यापन करता हूं |
तभी राजा यह सुनकर लड़के की बात दुखी होता है कि मेरे राज्य में ऐसे भी लोग हैं जिनकी स्थिति इस प्रकार से है उसने तुरंत आदेश दिया इस बच्चे के लिए पुस्तकालय लाइव और उसे पढ़ने के लिए गुरुकुल भेजा जाए वह बच्चे को राजा भेज देता है और लड़का अब थोड़ा बड़ा होता है वह बहुत ही विद्वान और बुद्धिमान बन जाता है क्योंकि उसने अच्छी जगह पर पढ़ाई की थी और अच्छे आचरण एवं शुभा सभी चीजें सीखी थी राजा विक्रमादित्य ने उसे राज महल में अपने मंत्रिमंडल का सदस्य बनाया लड़का और अपनी बुद्धिमानी समझदारी और न्याय प्रीता के कारण वह और प्रसिद्ध होने लगा और राजा के सभी आदेशों को पालन करने लगा एक दिन जहाज महल में एक महत्वपूर्ण फैसले में बहस हो रही थी राजा ने सभी मंत्रियों की राय मांगी लेकिन उनकी राय विभिन्न हो रही थी तब उस लड़के ने अपनी बुद्धिमानी से बातों को समझा और एक वित्तीय और समाधान ना पूर्ण सुझाव दिया राजा ने उसकी बात को स्वीकार किया और बहुत सराहना की और उसके हिसाब से बोले गए शब्दों के जरिए से एक अच्छा न्याय विदेश।
तभी आबू राज महल का उच्चतम न्यायालय मुख्य न्यायाधीश किसे बोलते हैं लड़का वह बन गया राजा के दरबार में प्रशंसा की बहुत-बहुत होने लगी वंश ने गरीबों पुरुषों एवं महिलाओं एवं बच्चों के प्रति आवाज उठाने में सबसे पहले थे और वह न्यायालय में ईमानदारी और सच्चाई के प्रतीक माने जाते थे। हनसा सीखने एवं न्याय के प्रति कितनी भी बड़ी कठिनाइयों उनके सामने करने के लिए उन्हें हमेशा निरंतर प्रयास करते रहते हैं उसकी इस कड़ी मेहनत ने उसे एक अमीर व्यक्ति बना दिया और सूझबूझ की वजह से वह प्रसिद्ध हो गया सभी लोग उसे सम्मान देने लगे और न्याय फ्री राजा के नाम से जाने ले रहे राजा विक्रमादित्य ने अत्यंत गर्व महसूस किया उस लड़के को अपना बेटा मानने लगे।
यह कहानी हमें यह सीख देती है कि हम हैं यदि अपने पैरों पर खड़े हैं तो हमें दूसरों पर ध्यान देना चाहिए वह करीब कितना गरीब है वह खाने योग्य है वह चलने योग्य है या नहीं है तो आप उसकी कितनी मदद कर सकते हैं यदि आप सही समय पर करते हैं तो वह एक नई दिशा अपनी जिंदगी एवं इस संसार की बदल सकता है क्योंकि बहुत सारे ऐसे बच्चे एवं लोग हैं जिन्हें सीखने की बहुत ही इच्छा होती है एवं काम करने के लिए किन उनके पास हुए साधन एवं पैसे की कमी कई सारी परेशानियां होती हैं जिनके कारण नहीं कर पाते हैं इसलिए सभी से यही कहूंगा कि आप जितने भी बड़े काबिल हैं या थोड़े हैं या बड़े हैं आप सभी की मदद करें ताकि एक छोटी सी मदद यह राजा की कहानी हमें यह सिखाती है कि हम किसी को थोड़ी सी मदद करेंगे तो वह बच्चा यह बुजुर्ग कुछ अलग कर सकता है और अच्छा कर सकता है हमें ऐसी मदद करने मिलते हैं नई कहानी के साथ धन्यवाद!
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