Ratan Tata Biography in Hindi

Ratan Tata biography in hindi: आज हम आपको रतन टाटा की सक्सेस स्टोरी (Ratan Tata success story in Hindi) के बारे में बात करेंगे जो की Tata group के मालिक और टाटा मोटर्स को इतना बड़ा फैलाने में उन्हें बहुत बड़ा परिश्रम करना पड़ा और एक अपमान का बदला हमें किस तरह सफलता से लेना चाहिए हमें रतन टाटा जी ने ही सिखाया ऐसा
रतन टाटा को आज कौन नहीं जानता आज का हर कोई युवा उन्हें प्रेरणास्रोत के रूप से देखता है कि कैसे उन्होंने नए स्टार्टअप से कई लोगों की जिंदगी बदल दी और लोगों को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया रतन टाटा भारत के महान उद्योगपति टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और एक दरिया दिल इंसान थे

रतन टाटा कौन है – Tan Tata success story in Hindi

रतन टाटा एक “इंडियन इंडस्ट्रीज और बिजनेसमैन”है।
आज हम रतन टाटा की सबसे स्टोरी बताएंगे और वह भी अपने आसान शब्दों में इसलिए आप हमारे साथ आखिर तक जुड़े रहे और हमारे आर्टिकल से आपको क्या सीखने को मिला है बस हमें कमेंट करके जरूर बताएं
रतन टाटा को 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बनाया गया था और 21 साल इस पद पर काम करने के बाद वह इस पद से रिटायर हो गए लेकिन रतन टाटा टाटा ग्रुप चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन पद पर बरकरार हैं

रतन टाटा की कहानी के जरिए आज हम आपको उनके शुरुआती जीवन और उनकी सफलताओं के बारे में बात करेंगे।

रतन टाटा का जन्म – Ratan Tata success story in Hindi (Overview)

रतन टाटा का जीवन परिचय

आर्टिकल का नाम रतन टाटा जीवन परिचय (Ratan Tata Biography in Hindi)
नामरतन टाटा
जन्म28 दिसंबर 1937, सूरत (गुजरात)
माता-पिता का नामनवल टाटा (पिता) और सोनू टाटा (माता)
शिक्षा कहां से की प्राप्तकॉर्नेल विश्वविधालय, हार्वर्ड विश्वविधालय
जीवनसाथीअविवाहित
व्यवसायटाटा समूह के निवर्तामान अध्यक्ष
व्यवसाय की शुरूआत1962
पुरस्कार पद्म भूषण पद्म विभूषण।(2008) और ओबीई (2009)
शिक्षाबी.एस. डिग्री संरनात्मक इंजीनियरिंग एवं वास्तुकला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम
नागरिकताभारतीय

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रतन टाटा का जीवन परिचय

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 गुजरात के सूरत शहर में हुआ था जब रतन टाटा 10 साल के थे तब उनके माता-पिता नवल टाटा सोनू टाटा ने औपचारिक तौर पर एक दूसरे से तलाक ले लिया था तब उनके और उनके भाई जिमी की जिम्मेदारी उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने ले ली और उनका पालन पोषण बहुत अच्छे तरीके से किया।

इन्होंने अपनी पढ़ाई campaign स्कूल में की जो कि मुंबई में है आगे की पढ़ाई शिमला के एक स्कूल में किया जब यह 10 से 12 के थे तब उनके माता-पिता की आपसी झगड़े की वजह से इनके माता-पिता का तलाक हो गया।

रतन टाटा जी अपनी आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए और वहां riverdale country school से पढ़ाई करने के बाद cornell university मैं और दाखिला (B.arch Architecture) की डिग्री ली और साथ ही में अपने खर्चे को पूरा करने के लिए वह छोटे-छोटे काम भी कर लेते थे हार्वर्ड बिजनेस यूनिवर्सिटी से एडवांस्ड मैनेजमेंट में कोर्स भी किया।

यह तो उनका प्रारंभिक संघर्ष था रतन टाटा जी नए विचारों और नई शिक्षा को पाने के लिए हमेशा उतावले रहा करते थे और हमेशा बहुत अच्छा सीखने का जज्बा रखा करते यही बातें सबको अच्छी लगती थी।

करियर और सफलताएं

अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद भी भारत लौट आए और टाटा ग्रुप में काम किया शुरुआती दिनों में टाटा स्टील के साथ फ्लोर पर काम किया उसके कुछ सालों बाद में राष्ट्रीय रेडियो इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी नाल्को का प्रभारी निदेशक बनाया उसके बाद उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया और उसके बाद में टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया और आखिरी में जेआरडी टाटा को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद को छोड़ने के बाद रतन टाटा को टाटा ग्रुप का चेयरमैनबना दिया।

टाटा साल्ट से लेकर टाटा सॉफ्टवेयर तक सभी में रतन टाटा की कड़ी मेहनत और रचनात्मक दिमाग है सबसे छोटी और सस्ती कार जिसे एक आम आदमी भी खरीद सके इस सोच के साथ में नैनो कार बाजार में उतारी हालांकि नैनो कार उनकी सोच के मुताबिक काम नहीं कर पाए और सालों बाद उसके प्रोडक्शन को बंद कर दिया गया।

एक पत्रिका के अनुसार रतन टाटा अपनी पूंजी का 66% दान कर देते हैं और गरीबों की सहायता करते हैं रतन टाटा एक बहुत सफल व्यक्ति हैं।

सफलता को पाने के लिए उन्हें करीब 10 साल का समय लगा जब तब जाकर वह इस सम्मान को हासिल कर पाए और यह एक बात सुन पाए अगर वह उस वक़्त कंपनी को सफल बनाने का नई ठंडे तो यह नहीं होता और सफलता बैठे-बैठे नहीं मिलती है उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है।

लोग आपको 10 बातें सुनाते हैं पर इसका जवाब आपको 20 बातें सुना कर नहीं देना चाहिए आपको सफलता से देना है ऐसे प्रेरणा हमें रतन टाटा जी से मिलती है।

रतन टाटा को मिला सम्मान और पुरस्कार

रतन टाटा को भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) में दिया गया। ये सम्मान देश के तीसरे और दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक है। इसके अलावा उनको और कई अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। जिसके जानकारी इस प्रकार से है-

SNसालअवॉर्डसंगठन
12001बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टरओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी
22004उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदकउरुग्वे की सरकार
32004प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टरएशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
42005साइंस की मानद डॉक्टरवारविक विश्वविद्यालय
52006साइंस की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास
62007मानद फैलोशिपअर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल
72007परोपकार की कार्नेगी पदकअंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट
82008लीडरशिप अवार्डलीडरशिप अवार्ड
92008लॉ की मानद डॉक्टरकैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
102008साइंस की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई
112008मानद नागरिक पुरस्कारसिंगापुर सरकार
122008मानद फैलोशिपइंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान
132009ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर   यूनाइटेड किंगडम
1420092008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कारइंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी
152009इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कारइटली की सरकार
162010लॉ की मानद डॉक्टरकैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
172010हैड्रियन पुरस्कारविश्व स्मारक कोष
182010शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापारशांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार
192010लीडरशिप अवार्ड में लीजेंडयेल विश्वविद्यालय
202010कानून की मानद डॉक्टरपेपरडाइन विश्वविद्यालय
212010इस साल के बिजनेस लीडरएशियाई पुरस्कार
222012मानद फैलोइंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी
232012व्यापार मानद डॉक्टरन्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय
242013विदेश एसोसिएटनेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग
252013अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंटअर्न्स्ट एंड यंग
262013व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टरकार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय
272013डॉक्टरेट की मानद उपाधिएम्स्टर्डम विश्वविद्यालय
282014व्यापार के मानद डॉक्टरसिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी
292014सयाजी रत्न पुरस्कारबड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन
302014ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉसयूनाइटेड किंगडम
312014कानून की मानद डॉक्टरन्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा
322015ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टरक्लेमसन विश्वविद्यालय
332015मानदएचईसी पेरिस
342016कमांडर ऑफ ऑनर फ्रांस की सरकार

रतन टाटा की प्रेरणादायक कहानी

रतन टाटा हम सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं क्योंकि वह हमेशा सबसे पहले अपने काम को इंपोर्टेंस देते हैं रतन टाटा एक ऐसे शख्स हैं जो अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा दान में दे देते हैं और वह युवाओं को अक्सर कुछ नया करने और सीखने की सलाह देते हैं आजकल ऐसे लोग बहुत कम ही होते हैं जो अपनी कमाई हुई चीजों को दान में देना चाहते है। रतन टाटा को आज कौन नहीं जानता ।
रतन टाटा को आज का हर कोई युवाओं के प्रेरणा स्रोत के रूप में देखता है कि कैसे उन्होंने स्टार्टर से कई लोगों की जिंदगी बदल दी गई है और लोगों को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है रतन टाटा भारत के महान उद्योगपति टाटा ग्रुप के पूर्वचेयरमैन और एक दरिया दिल इंसान हैं ।

वह कहते हैं कि अगर आपको लाइफ में सफल होना है तो सब पहले अपने काम में फोकस करिए ना क्यों चीजों में जो आपको अपने एम से दूर कर देती हैं साथ ही रतन टाटा दूसरों को बहुत ही सम्मान देते हैं वह अपने कर्मचारियों को चाहे वह बड़ा हो या छोटा सबसे प्यार से मिलते और बातें करते हैं रतन टाटा का यह भी कहना है कि आपको अगर सफल होना है।

अगर आपको सफल होना है हमेशा साथ मिलकर काम चाहिए किसी काम की शुरुआत आप अपनी अकेले ही क्यों ना करना पड़े लेकिन अगर आपको उस काम को आगे बढ़ाना है तो लोगों के साथ जुड़े रहे और उनके साथ मिलकर काम करना चाहिए।

रतन टाटा को 1991 में टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया और 21 साल इस पद पर काम करने के बाद वह इस पद से रिटायरमेंट हो गए लेकिन रतन टाटा टाटा ग्रुप चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन पद पर बरकरार हैं।

रतन टाटा का टाटा ग्रुप में योगदान

रतन टाटा का बहुत ही अहम योगदान रहा है टाटा ग्रुप की विशिष्ट पहचान बनाने में भारत सरकार ने रतन टाटा को दो बार पद्म पुरस्कार उसे सम्मानित किया था यह सम्मान दूसरे और तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान था टाटा ग्रुप का व्यापार आज लगभग कई देशों फैला हुआ है कंपनी में करीब 6 लाख लोग काम करते हैं सबसे बड़ी बात टाटा ग्रुप में वह अपने फायदे का बड़ा हिस्सा चैरिटी में दान करते हैं।

मैंने अपनी जिंदगी में आखरी दिनों को स्वास्थ्य को समर्पित किया ऐसा राज्य बना जो असम में सब को पहचाने पीएम मोदी रतन टाटा से भी रीमोट का बटन लगाते हुए कई अस्पतालों का उद्घाटन करवाया था बटन सिर्फ इसलिए नहीं दबवा पाये क्योंकि वह बहुत बड़े उद्योगपति हैं इसके बाद उनके पिता दोराबजी टाटा ने भारत में वैसी सुविधा वाला एक अस्पताल खोलने का सपना देखा।
जैसी उनकी पत्नी का इलाज हुआ था दोराबजी टाटा के मौत के बाद सपने को साकार करने की कोशिश नवरोजी सकलतवाला ने किया स्वास्थ्य के क्षेत्र में टाटा मेडिकल सेंटर रतन टाटा के योगदान का स्वास्थ्य के क्षेत्र में मेडिकल सेंटर रतन टाटा के योगदान का जीता जागता सबूत माना जाता है

रतन टाटा के विचार

रतन टाटा के विचार हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि मैं सही फैसला ले रहा हूं या नहीं हमें या फैसले को सही साबित करने में अपना पूरा जीवन लगाना चाहिए और दुनिया को बताना है कि हम कोई भी फैसला लेते हैं तो वह कभी गलत नहीं होता यही है एक सफल व्यक्ति की सफलता की पहचान रतन टाटा के कुछ और विचार

मेरे पास दो या तीन कारें हैं जो मुझे पसंद है लेकिन आज प्रभावशाली होने के मामले में फरारी सबसे अच्छी कार है जो मैंने चलाई है

मैं निश्चित रूप से राजनीति में नहीं शामिल होऊंगा मैं एक साफ-सुथरे बिजनेसमैन के तौर पर याद किया जाना पसंद करता हूं जिसने सता के नीचे की गतिविधियों में हिस्सा नहीं लिया हो और जो काफी सफल रहा हो

अगर आप तेजी से चलना चाहते हो तो अकेले चलिए लेकिन अगर आप दूर से चलना चाहते हो तो साथ मिलकर चलिए

कोई भी लोहे को नष्ट नहीं कर सकता लेकिन खुद की जंग इसे नष्ट कर देगी इसी तरह एक व्यक्ति को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता लेकिन खुद की मानसिकता उसे नष्ट कर सकती है

मुझे अपने देश पर गर्व है लेकिन हमें जातिवाद और सांप्रदायिकता से मुक्त एक अखंड भारत बनाने के लिए एक

जुट होने की जरूरत है हम सभी के लिए समान अवसर वाले भारत का निर्माण करने की आवश्यकता है अगर हम अपने नजरिया को ऊंचा रखते हैं और निरंतर विकास समृद्धि और सम्मान लोगों तक पहुंचाते हैं तो हम वास्तव में महान राष्ट्र हो सकते हैं |

FAQs: Ratan Tata Biography in Hindi

रतन टाटा की एक दिन की कमाई कितनी है?

रतन टाटा (Ratan Tata) की 1 दिन की कमाई अनुमानित कमाई एक दिन में तीन करोड़ से ज्यादा है।

Tata Company की स्थापना कब हुई?

Tata Company 1868 में इसकी स्थापना की गई।

By jeetubhaiya

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